लव इज माय लाइफ ए ब्यूटीफुल लव स्टोरी
रेस्टोरेंट के बाहर स्नेहा, ऐसे विचलित भाव से खड़ी हो जाती है,जैसे किसी ने उसके पांव में कांटा चुभा दिया हो, उसकी ऐसी हालत देखकर, आरोही शांत भाव से कहती है
"स्नेहा,,तुम इतनी छोटी सी बात को क्यों, इतना दिल पर ले लेती हो, अब हम बड़े हो गए हैं, हमारे बदलते शरीर और उम्र के साथ, हमारी सोच-समझ में भी बदलाव आ रहे हैं, आशिफ ने जो कहा, वह सही है, वह तुम्हें चाहता है, यह बताना उसका अधिकार है,तुम उसे नहीं चाहती, यह अलग बात है"!
"मैं आशिफ को चाहती हूं और साथ ही इस दुनिया की हर चीज को ऐसे ही चाहती हूं, जैसे मैं, लव को चाहती हूं, ईश्वर की सृष्टि से प्रेम करना ही जीवन है, मैंने आशिफ के हर भाव को स्वीकार किया है, पर जो हमारे बीच गलतफहमीया थी उनका खंडन किया है, मैं मानती हूं, हमारी उम्र के साथ, हमारी सोच समझ में परिवर्तन आता है पर मैंने अपना बचपन भी अपने होश में जिया है और होश में लिए गए फैसले गलत नहीं होते हैं, मेरे पास जीने का मकसद और जीने का तरीका दोनों है,इसलिए में अपने संकल्पों के बीच में विकल्प नहीं चाहती हूं, यह आशिफ को समझना चाहिए की भावनाएं कमजोर होती है और विश्वास मजबूत होता है, मैं विश्वास करती हूं, आशिफ पर दोस्त समझकर "! स्नेहा ने पूर्ण स्पष्टीकरण करते हुए आरोही को समझाया
"मेरे पास न तो तुम्हारे, किसी जवाब पर सवाल है और ना हीं तुम्हारे किसी सवाल का जवाब है, मैं जानती हूं, तुम बहुत समझदार हो, होनहार हो, इसीलिए मैं, तुम्हारे किसी भी फैसले पर असहमति नहीं जता सकती हूं"! आरोही ने कहा
"थैंक यू,,,आरोही"! स्नेहा ने कहा
"अब घर चले"! आरोही ने स्नेहा से पूछा
आरोही की कार में बैठकर दोनों वहां से आगे बढ़ती है ड्राइविंग कर रही आरोही कहती है
"मुझे, तुम्हें एक बात बताना है,स्नेहा"!
"बताओ"!
"मैं करीब 3 महीनों से फेसबुक पर अनिल वघेला, नाम के लड़के से चैटिंग कर रही हूं,पहले मैं उसे नोटिस नहीं करती थी पर जब से नोटिस करने लगी हूं, तब से वह मुझे अच्छा लगने लगा है, उसने मुझसे, मिलने को कहां पर मैंने मना कर दिया, इसलिए वह मुझसे नाराज है, तीन दिनों से ना तो उसका कोई काल आया है, व न हीं मैसेज, अब तुम ही बताओ, मैं क्या करूं"?
आरोही, स्नेहा की बेस्ट फ्रेंड है, इसीलिए स्नेहा, आरोही से अपने प्रेम का सच्चा, अनुभव कहती है
"प्रेम जीवन का बहुत बड़ा सत्य है, प्रेम के बिना जीवन अधूरा है, प्रेम का अनुभव इतना सुंदर है कि किसी भी इंसान का प्रेम की ओर बढ़ना, आम बात है पर किसी को बिना परखे, उससे प्रेम करना, खुद को धोखा देना है, तुम उससे मिलना चाहती हो, बेशक,,,मिलो पर अपनी पूरी सुझबुझ ओर सावधानी के साथ, क्योंकि उसकी सच्चाई, उसने जो भी बताई है, वह झूठ हो या सच, हमें पता होना चाहिए, मैंने सुना है फेसबुक पर लड़के,लड़कियां बने बेठे है, बुढ्ढे, जवान लड़के बने बैठे हैं, इसीलिए जो भी करो, पूरी सावधानी के साथ करना"! स्नेहा ने समझाते हुए कहा
"उससे मिलने के लिए, मुझे, तुम्हारे साथ चलना होगा, क्योंकि जहां तुम्हारा लव रहता है, वह भी उसी शहर में रहता है"!आरोही ने कहा
"असल,,,वजह यही है या मेरे साथ चलने के लिए, यह बहाना ढूंढा है"! स्नेहा ने आरोही से पुछा
"अरे,,,यार, सच कर रही हूं और विश्वास ना हो तो खुद, देख लेना, तुम्हे प्यार को लेकर, मुझे एक बात समझ में नहीं आती कि तुम, तुम्हारे लव को पहचानोगी कैसे, अब तक तो लव बहुत बदल गया होगा और क्या पता वह, तुम्हें भूल भी गया हो, या उसने शादी कर ली हो? आरोही ने संदेह से कहा
"मैं,,,,मेरे लव को बिना देखे पहचान सकती हूं, लव का एहसास,उसकी खुशबू, मुझ में आज भी जिंदा है, जिसने मुझे आज तक बहकने नहीं दिया और रही बात, लव के बदले जाने की या मुझे भूल जाने की तो समझ लेना, मुझे प्यार करने का हक नहीं है"!स्नेहा ने कहा
"मैंने आज तक तुम्हें, कोई गलती करते नहीं देखा है, इसीलिए जानती हूं, तुम सही हो, तुम्हारा घर आ गया है, अलविदा फिर मिलेंगे"!
स्नेहा आरोही को अलविदा कह कर,अपने घर आती है, जहां उसकी मां टकटकी लगाए, उसका इंतजार कर रही है
"मां,,,आपने खाना खा लिया"!
"नहीं,,,मैं, तुम्हारा इंतजार कर रही हूं"! गीता ने जवाब दिया
"अब आप,मेरी इतनी फिक्र मत किया करो, क्योंकि अब मैं बड़ी हो गई हूं, थोड़ा ध्यान, अपना भी रखा किजिए"!स्नेहा ने मां के कंधों पर हाथ रखते हुए,जिम्मेदारी भाव से कहा
"बड़ी हो गई हो, इसीलिए मेरी फिक्र और बढ़ गई है, क्योंकि अब तुम, मुझे छोड़ कर चली जाओगी, लोग सही कहते हैं, बेटियां पराई होती है, दूसरों के घर की अमानत होती है"! मां ने कहा
"मैं, आपसे हजार बार कह चुकी हूं कि मैं, आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी, आपको मुझ पर भरोसा नहीं है तो आप किसी ऐसे लड़के से मेरी शादी करा दो, जो घर जमाई बनकर, हमारे साथ रहे"! स्नेहा ने कहा
"मैंने, तुम्हारे लिए, एक लड़का देख रखा है, मैं चाहती हूं, तुम,उस से शादी कर लो"!
"कौन है, वह"? स्नेहा ने आश्चर्य से पुछा
"जो बचपन से तुम्हारे, दिल में रहता है, मैं, लव की बात कर रही हूं, भले तुम, मुझसे कहती नहीं पर मैं जानती हूं, तुम्हारे दिल में आज भी केवल लव है, अब समय आ गया है, तुम्हें बिना समय गंवाए, लव से मिलने जाना चाहिए, वह तुम्हारा इंतजार कर रहा होगा"! गीता ने कहा
अपनी, मां के मुंह से अपने दिल की बात सुनकर, स्नेहा किसी मासूम बच्चे की तरह, अपनी मां से लिपट जाती है और कहती है
"मेरे हृदय में जिस तरह, ईश्वर रहते हैं ,उसी तरह आप भी रहती हो, मेरे बारे में आप वह सब कुछ जानती हो, जो भगवान जानते हैं, इसी कारण मैं, आपके हर फैसले का सम्मान करती हूं पर लव हमसे बहुत दूर रहता है और मैं आपको छोड़कर, कहीं जाना नहीं चाहती हूं"! स्नेहा ने कहा
" मिलना-बिछड़ना तो इस संसार की नियति है,हम मरने के बाद भी तो बिछड़ते है पर जीवित रहते बिछड़ना, बहुत अधिक पीड़ादायक होता है, क्योंकि जीवित प्राणी को नियति का यह नियम,स्वीकार नहीं होता हैं"!
Milind salve
15-Dec-2023 03:02 PM
V nice
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Varsha_Upadhyay
14-Dec-2023 11:42 PM
Nice
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Gunjan Kamal
14-Dec-2023 11:11 PM
👏👌
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